Manual Accounting
Trade :
लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया
वैध कार्य व्यापार
कहलाता है।
Traders/proprietors :
व्यापार के सभी Investment करने वाला, लाभ या हानि उठाने वाला, व्यापार की सभी Risks का सामना करने वाला व्यापारी कहलाता हैं ।
व्यापार के सभी Investment करने वाला, लाभ या हानि उठाने वाला, व्यापार की सभी Risks का सामना करने वाला व्यापारी कहलाता हैं ।
Capital :
वे सभी Assets जिनके द्वारा व्यापार
आरम्भ किया जाता
हैं। Capital कहलाती हैं।
Sundry Creditors :
वे सभी व्यक्ति,
फर्म अथवा कम्पनी
जिनसे हम उधार
माल खरीदते है
या जिनको हमें पैसा
देना है व्यापार
के लेनदार कहलाते
हैं।
Sundry Debtors :
वे सभी व्यक्ति
फर्म अथवा कम्पनी
जिन्हें हम उधार
माल बेचते है या जिनसे हमें पैसा
लेना है ।
व्यापार के देनदार
कहलाते है।
Purchase :
वे सभी वस्तुयें
जिनका हम व्यापार
कर रहे है
उस वस्तु का
माल या खरीदना क्रय कहलाता
है।
Sales :
वे सभी वस्तुयें
जिनका हम व्यापार
कर रहे है
उस वस्तु या
माल का बेचना विक्रय कहलाता है।
Purchase Return :
क्रय किये गये
माल को किसी
कारणवश वापिस कर दिया
जाता है Purchase Return या क्रय
वापसी कहते है।
Sales Return :
विक्रय किया गया
माल किसी कारणवश
वापिस आना विक्रय
वापसी या Sales return कहलाता है।
Discount :
किसी वस्तु के अंकित
मूल्य पर दी
गयी कटौती छूट
कहलाती है सामान्यतः तीन प्रकार
की होती हैं।
1. Trade Discount
2. Cash Discount
3. Special Discount
Drawings :
Commission :
विभिन्न फर्म अथवा
कम्पनियाँ जो अपनी
बिक्री बढ़ाने के लिये शहरों में अपने Agents को उनके
कार्य के बदले
सेवा शुल्क देतें हैं, Commission कहलाता है।
Account :
व्यापार मे होने
वाले सभी Transaction मे जुडे सभी
व्यक्ति, फर्म अथवा कम्पनी लाभ या
हानि, आय-व्यय,
सम्पत्ति, देनदारियाँ आदि सभी
अपने आप में एक Account को दर्शाते
है।
Account तीन प्रकार
के होते है
1.
Personal Account
2.
Real & Assets
Accounts
3.
Nominal Accounts
नोट - व्यापार
मे होने वाली
सभी Transactions को
दो भागों मे बाँटा गया है 1 Debit ( ऋणी )
2 Credit ( धनी )
लेन-देन मे किसी
भी पक्ष को Debit अथवा Credit करने के लिये ऊपर बताये
गये तीनों Accounts के आधार पर
तीन नियम है
जो निम्न प्रकार है-
1- पाने वाले
व्यक्ति को DEBIT (Dr.)
देने वाला व्यक्ति CREDIT (Cr.)
2- व्यापार में आने
वाली वस्तु का
खाता DEBIT (Dr.)
व्यापार मे जाने
वाली वस्तु का
खाता CREDIT (Cr.)
3- व्यापार मे होने
वाली हानि तथा
व्यय का खाता DEBIT (Dr.)
व्यापार मे होने
वाले लाभ तथा
आय के खाते CREDIT (Cr.)
Account Book :
प्रत्येक व्यापारी सामान्यतः तीन
प्रकार की Account book maintain
करता है। जो निम्न प्रकार है-
1.
- Memorandum Book
2.
- Journals
3.
- Ledger
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