Tally : Computerized Accountin

Monday, March 9, 2020

Tally 9.0 : Manual Accounting


Manual Accounting
Trade : 
लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया वैध कार्य व्यापार कहलाता है।

Traders/proprietors :
व्यापार के सभी Investment करने वाला, लाभ या हानि उठाने वालाव्यापार की सभी Risks का सामना करने वाला व्यापारी कहलाता हैं


Capital :
वे सभी Assets जिनके द्वारा व्यापार आरम्भ किया जाता हैं। Capital कहलाती हैं।

Sundry Creditors :
वे सभी व्यक्ति, फर्म अथवा कम्पनी जिनसे हम उधार माल खरीदते है या जिनको हमें पैसा देना है व्यापार के लेनदार कहलाते हैं।

Sundry Debtors :

वे सभी व्यक्ति फर्म अथवा कम्पनी जिन्हें हम उधार माल बेचते है या जिनसे हमें पैसा लेना है व्यापार के देनदार कहलाते है।

Purchase :
वे सभी वस्तुयें जिनका हम व्यापार कर रहे है उस वस्तु का माल या खरीदना क्रय कहलाता है।

Sales :
वे सभी वस्तुयें जिनका हम व्यापार कर रहे है उस वस्तु या माल का बेचना विक्रय कहलाता है।

Purchase Return :
क्रय किये गये माल को किसी कारणवश वापिस कर दिया जाता है  Purchase Return  या क्रय वापसी कहते है।

Sales Return :
विक्रय किया गया माल किसी कारणवश वापिस आना विक्रय वापसी या Sales return कहलाता है।

Discount :
किसी वस्तु के अंकित मूल्य पर दी गयी कटौती छूट कहलाती है सामान्यतः तीन प्रकार की होती हैं।
1.   Trade Discount
2.   Cash Discount
3.   Special Discount

Drawings :
निजी खर्च के लिये व्यापार से निकाला गया धन या माल आह या Drawings कहलाती है।

Commission :
विभिन्न फर्म अथवा कम्पनियाँ जो अपनी बिक्री बढ़ाने के लिये शहरों में अपने Agents को उनके कार्य के बदले सेवा शुल्क देतें हैंCommission कहलाता है।

Account :
व्यापार मे होने वाले सभी Transaction  मे जुडे सभी व्यक्ति, फर्म अथवा कम्पनी लाभ या हानि, आय-व्यय, सम्पत्ति, देनदारियाँ आदि सभी अपने आप में एक Account को दर्शाते है।

Account तीन प्रकार के होते है
1.    Personal Account
2.    Real & Assets Accounts
3.    Nominal Accounts
नोटव्यापार मे होने वाली सभी Transactions को दो भागों मे बाँटा गया है 1 Debit  ( ऋणी )
      2 Credit ( धनी )

लेन-देन मे किसी भी पक्ष को Debit अथवा Credit करने के लिये ऊपर बताये गये तीनों Accounts के आधार पर तीन नियम है जो निम्न प्रकार है-

1-  पाने वाले व्यक्ति को DEBIT (Dr.) 
   देने वाला व्यक्ति CREDIT (Cr.)

2- व्यापार में आने वाली वस्तु का खाता DEBIT (Dr.)
व्यापार मे जाने वाली वस्तु का खाता CREDIT (Cr.)

3- व्यापार मे होने वाली हानि तथा व्यय का खाता DEBIT (Dr.)

व्यापार मे होने वाले लाभ तथा आय के खाते CREDIT (Cr.)

Account Book :
प्रत्येक व्यापारी सामान्यतः तीन प्रकार की Account book maintain
 करता है। जो निम्न प्रकार है-
1. -   Memorandum Book
2. -   Journals
3. -   Ledger


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